Posts

Showing posts from August, 2022

दास की परिभाषा‘‘

Image
‘‘दास की परिभाषा‘‘ एक समय सुल्तान एक संत के आश्रम में गया। वहाँ कुछ दिन संत जी के विशेष आग्रह से रूका । संत का नाम हुकम दास था। बारह शिष्य उनके साथ आश्रम में रहते थे। सबके नाम के पीछे दास लगा था। फकीर दास, आनन्द दास, कर्म दास, धर्मदास। उनका व्यवहार दास वाला नहीं था। उनके गुरू एक को सेवा के लिए कहते तो वह कहता कि धर्मदास की बारी है, उसको कहो, धर्मदास कहता कि आनन्द दास का नम्बर है। उनका व्यवहार देखकर सुल्तानी ने कहा कि:-  दासा भाव नेड़ै नहीं, नाम धराया दास। पानी के पीए बिन, कैसे मिट है प्यास।। सुल्तानी ने उन शिष्यों को समझाया कि मैं जब राजा था, तब एक दास मोल लाया था। मैंने उससे पूछा कि तू क्या खाना पसंद करता है। दास ने उत्तर दिया कि दास को जो खाना मालिक देता है, वही उसकी पसंद होती है। आपकी क्या इच्छा होती है? आप क्या कार्य करना पसंद करते हो? जिस कार्य की मालिक आज्ञा देता है, वही मेरी पसंद है। आप क्या पहनते हो? मालिक के दिए फटे-पुराने कपड़े ठीक करके पहनता हूँ। उसको मैंने मुक्त कर दिया। धन भी दिया। उसी की बातों को याद करके मैं अपनी गुरू की आज्ञा का पालन करता हूँ। अपनी मर्जी कभी न

पुनर्जन्म संबंधित प्रकरण‘‘

Image
’’पुनर्जन्म संबंधित प्रकरण‘‘ सूरः अल बकरा-2 की आयत नं. 243:- तुमने उन लोगों के हाल पर भी कुछ विचार किया जो मौत के डर से अपने घर-बार छोड़कर निकले थे और हजारों की तादाद में थे। अल्लाह ने उनसे कहा मर जाओ। फिर उसने उनको दोबारा जीवन प्रदान किया। हकीकत यह है कि अल्लाह इंसान पर बड़ी दया करने वाला है। मगर अधिकतर लोग शुक्र नहीं करते। ’’कयामत तक कब्रों में रहने वाले सिद्धांत का खंडन‘‘ कुरआन की सूरः अल् मुद्दस्सिर-74 आयत नं. 26.27:- आयत नं. 26:- शीघ्र ही मैं उसे नरक में झोंक दूँगा। आयत नं. 27:- और तुम क्या जानों कि क्या है वह नरक। {एक वलीद बिन मुगहरह नामक व्यक्ति ने पहले तो मुसलमानी स्वीकार की। उसको अच्छे लाभ भी हुए। वह पहले विरोधियों का सरदार था। बाद में हजरत मुहम्मद जी की खिलाफत करने लगा। कुरआन को जादू करार देने लगा तथा कहने लगा कि यह तो मानव बोली वाणी है। अल्लाह की नहीं है। मुहम्मद नबी को जादूगर बताने लगा। तब कुरआन ज्ञान देने वाले अल्लाह ने कहा, उपरोक्त सूरः मुद्दस्सिर-74 की आयत नं. 26.27 में कि मैं शीघ्र ही उसे नरक में झोंक दूँगा यानि नरक की आग में डाल दूँगा। नरक में भेज दूँगा। विचा

सूक्ष्मवेद (कलामे कबीर) में कादर अल्लाह का निर्देश‘‘हजरत मुहम्मद जी जिस साधना को करता था वही साधना अन्य मुसलमान समाज भी कर रहा है#sant rampal ji

Image
मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरआन" पेज नंबर 31-34 ’’सूक्ष्मवेद (कलामे कबीर) में कादर अल्लाह का निर्देश‘‘ हजरत मुहम्मद जी जिस साधना को करता था वही साधना अन्य मुसलमान समाज भी कर रहा है। वर्तमान में सर्व मुसलमान श्रद्धालु माँस भी खा रहे हैं। परन्तु नबी मुहम्मद जी ने कभी माँस नहीं खाया तथा न ही उनके सीधे अनुयाईयों(एक लाख अस्सी हजार) ने माँस खाया। केवल रोजा व बंग तथा नमाज किया करते थे। गाय आदि को बिस्मिल(हत्या) नहीं करते थे। नबी मुहम्मद नमस्कार है, राम रसूल कहाया। एक लाख अस्सी कूं सौगंध, जिन नहीं करद चलाया।। अरस कुरस पर अल्लह तख्त है, खालिक बिन नहीं खाली। वे पैगम्बर पाख पुरुष थे, साहिब के अब्दाली।। भावार्थ:- नबी मुहम्मद तो आदरणीय है जो प्रभु के अवतार कहलाए हैं। कसम है एक लाख अस्सी हजार पैगंबर हुए हैं तथा जो उनके अनुयाई थे, उनको कसम है कि उन्होंने कभी बकरे, मुर्गे तथा गाय आदि पर करद नहीं चलाया अर्थात् जीव हिंसा नहीं की तथा माँस भक्षण नहीं किया। वे हजरत मुहम्मद, हजरत मूसा, हरजत ईसा आदि पैगम्बर (संदेशवाहक) तो पवित्र व्यक्ति थे तथा ब्रह्म (ज्योति निरंजन/काल) के कृपा पात्र थे, परन्त

Loan वसूली करने वाली कंपनी नहीं परेशान करेगी , RBI ने जारी किया नियम #Loan

Image
कर्ज वसूली के लिए गलत-गलत माध्यमों का सहारा लिया जाता है. लेकिन अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इनपर शिकंजा कसना शुरु कर दिया है. शुक्रवार को आरबीआई ने कहा कि उधार देने वाली कोई भी संस्था कर्ज लेने वालों को परेशान नहीं करेगी. आसान शब्दों में समझें तो वसूली एजेंट कर्ज लेने वालों से पैसे वापिस लेने के लिए डराने-धमकाने जैसे माध्यमों का सहारा नहीं ले सकेंगे.  Loan  आरबीआई को इसे लेकर कई शिकायतें मिली हैं, जिसके बाद ये अधिसूचना जारी की गई है. केंद्रीय बैंक के ये अधिसूचना उन संस्थाओं पर लागू होगी जो आरबीआई के दायरे में आती हैं. थर्ड पार्टी, बैंक से कर्ज लेने वालों को डरा नहीं सकेगी. #Loan इसके अलावा वसूली एजेंट किसी भी तरह से मौखिक या शारीरिक रूप से किसी धमकी या उत्पीड़न का सहारा नहीं ले सकेंगे. इसके साथ ही नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया है कि एजेंट न तो उधार लेने वालों दोस्तों और न ही रिश्तेदारों को सार्वजनिक रूप से बेइज्जत करेंगे. #Loan आपको बताते चलें कि इस अधिसूचना में जिन भी नियमों की बात कही गई है वे सभी कॉमर्शियल बैंक, नॉन बैंक फाइनेंशियल कंपनीज, एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनीज, ऑल

Lazio vs Inter: Live stream, TV channel, kick-off time & how to watch

Image
How to watch the Serie A clash between Lazio and Inter on TV in the United Kingdom and United States Premier League La Liga Uefa Champions League GOALSTUDIO More Lazio vs Inter: Live stream, TV After a confident start to the season, Inter will take on Lazio away from home in their third Serie A 2022-23 game. For viewers in UK, the tie between Lazio and Inter can be watched live on BT Sport 1 and BT Sports Ultimate with live streaming available on the BT Player. In the US, Serie A games can be watched Premier League La Liga Uefa Champions League GOALSTUDIO More Lazio vs Inter: Live stream, TV channel, kick-off time & how to watch GOAL 26-Aug-2022 20:06+05:30 0 Premier League La Liga Uefa Champions League GOALSTUDIO More Lazio vs Inter: Live stream, TV Lautaro Martinez celebrating Inter Spezia Serie AGetty Serie A Internazionale Lazio vs Internazionale Lazio How to watch the Serie A clash between Lazio and Inter on TV in the United Kingdom and United States After a confid

मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरआन"#Sant Rampal ji

Image
 "मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरआन" उदाहरण:- एक समय एक व्यक्ति की दोस्ती एक पुलिस थानेदार से हो गई। उस व्यक्ति ने अपने दोस्त थानेदार से कहा कि मेरा पड़ोसी मुझे बहुत परेशान करता है। थानेदार (S.H.O.) ने कहा कि मार लट्ठ, मैं आप निपट लूंगा। थानेदार दोस्त की आज्ञा का पालन करके उस व्यक्ति ने अपने पड़ोसी को लट्ठ मारा, सिर में चोट लगने के कारण पड़ौसी की मृत्यु हो गई। उसी क्षेत्र का अधिकारी होने के कारण वह थाना प्रभारी अपने दोस्त को पकड़ कर लाया, कैद में डाल दिया तथा उस व्यक्ति को मृत्यु दण्ड मिला। उसका दोस्त थानेदार कुछ मदद नहीं कर सका। क्योंकि राजा का संविधान है कि यदि कोई किसी की हत्या करेगा तो उसे मृत्यु दण्ड प्राप्त होगा। उस नादान व्यक्ति ने अपने मित्र दरोगा की आज्ञा मान कर राजा का संविधान भंग कर दिया। जिससे जीवन से हाथ धो बैठा। ठीक इसी प्रकार पूर्ण परमात्मा की आज्ञा की अवहेलना करने वाला पाप का भागी होगा। क्योंकि कुरआन शरीफ (मजीद) का सारा ज्ञान ब्रह्म (काल/ज्योति निरंजन, जिसे आप अव्यक्त कहते हो) का दिया हुआ है। इसमें उसी का आदेश है तथा पवित्र बाईबल में केवल उत्पत्ति ग्रन्थ क

सूक्ष्मवेद (कलामे कबीर) में कादर अल्लाह का निर्देश‘‘हजरत मुहम्मद जी #Sant rampal ji

Image
 "मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरआन" पेज नंबर 31-34 ’’सूक्ष्मवेद (कलामे कबीर) में कादर अल्लाह का निर्देश‘‘ हजरत मुहम्मद जी जिस साधना को करता था वही साधना अन्य मुसलमान समाज भी कर रहा है। वर्तमान में सर्व मुसलमान श्रद्धालु माँस भी खा रहे हैं। परन्तु नबी मुहम्मद जी ने कभी माँस नहीं खाया तथा न ही उनके सीधे अनुयाईयों(एक लाख अस्सी हजार) ने माँस खाया। केवल रोजा व बंग तथा नमाज किया करते थे। गाय आदि को बिस्मिल(हत्या) नहीं करते थे। नबी मुहम्मद नमस्कार है, राम रसूल कहाया। एक लाख अस्सी कूं सौगंध, जिन नहीं करद चलाया।। अरस कुरस पर अल्लह तख्त है, खालिक बिन नहीं खाली। वे पैगम्बर पाख पुरुष थे, साहिब के अब्दाली।। भावार्थ:- नबी मुहम्मद तो आदरणीय है जो प्रभु के अवतार कहलाए हैं। कसम है एक लाख अस्सी हजार पैगंबर हुए हैं तथा जो उनके अनुयाई थे, उनको कसम है कि उन्होंने कभी बकरे, मुर्गे तथा गाय आदि पर करद नहीं चलाया अर्थात् जीव हिंसा नहीं की तथा माँस भक्षण नहीं किया। वे हजरत मुहम्मद, हजरत मूसा, हरजत ईसा आदि पैगम्बर (संदेशवाहक) तो पवित्र व्यक्ति थे तथा ब्रह्म (ज्योति निरंजन/काल) के कृपा पात्र थे

कुरआन ज्ञान दाता के माँस आहार के विषय में निर्देश‘‘

Image
हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरआन" ’’कुरआन ज्ञान दाता के माँस आहार के विषय में निर्देश‘‘ सूरः अल्-माइदा-5 आयत नं. 1:- ऐ लोगो! जो इमान लाए हो यानि मुसलमान बने हो। प्रतिबंधों का पूर्ण रूप से पालन करो यानि मेरी बनाई मर्यादा का पालन करो। तुम्हारे खाने के लिए चौपायों की जाति के सब जानवर हलाल (वैध) किए हैं सिवाय उनके जो तुमको आगे चलकर बताएँगे, लेकिन हराम की हालत में शिकार को अपने लिए हलाल (वैध) न करो, बेशक अल्लाह जो चाहता है, हुक्म देता है। {जो चार पाँव वाले जानवर खाने के लिए जायज बताए हैं, वे हैं:- ऊँट, गाय, भेड़, बकरी आदि।} सूरः माइदा-5 आयत नं. 3:- तुम पर हराम किया गया।(यानि जो खाना पाप है, वे जानवर बताए हैं) मुर्दार, खून, सूअर का माँस, वे जानवर जो अल्लाह के सिवाय किसी और के लिए जब्ह (मारा गया हो, उसको भोग लगा हो) किया गया हो। वह जो गला घुटकर या चोट खाकर या ऊँचाई से गिरकर या टक्कर खाकर मरा हो या किसी हिंसक जानवर ने फाड़ा हो। सिवाय उसके जिसे तुमने जीवित पाकर जब्ह न कर लिया हो और वह किसी स्थान पर जब्ह किया हो यानि जिस स्थान पर अन्य देवी-देवताओं की मूर्ति

Google marks Anna Mani's birthday by sharing a Google Doodle. Who was Anna Mani? What are her #Anna Mani

Image
Google Doodle  is celebrating the 104th birth anniversary of renowned yet underrated physicist and meteorologist Anna Mani on Tuesday, August 23. She is one of the biggest names in Indian physics whose work enabled us to make accurate  weather predictions. #Anna mani's Apart from  weather forecasts , her work helped India succeed in  renewable energy . Interestingly, she shares her alma mater with notable scientist CV Raman, lawyers VL Ethiraj and CP Ramaswamy Iyer, as all of them hail from Tamil Nadu and studied at Presidency College, Madras. #Anna mani Anna Mani is considered a  national  icon of women's empowerment in the country as she broke the stereotypes by fighting the gender-based norms and excelling in a male-dominant field. Here's the inspiring story of Anna Mani's life. Google  Doodle: Who is Anna Mani? Anna Mani was born in a family of Syrian-Christians in Peerumade village of Kerala on August 23, 1918. An avid reader, Anna Mani's life work

मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरआन"#Sant Ram pal ji

Image
 "मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरआन" उसी प्रकार गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में कहा है कि {जिस (ब्रह्मणः) परम अक्षर ब्रह्म यानि अल्लाह कबीर (सच्चिदानंद घन ब्रह्म) ने तत्त्वज्ञान अपने मुख से उच्चारित वाणी (कलामे कबीर) कबीर वाणी में तत्त्वज्ञान बताया है। उसकी साधना सामान्य (सहज) विधि से करके पूर्ण मोक्ष प्राप्त होता है जिसका उल्लेख गीता अध्याय 4 के ही श्लोक 32 में है। वह तत्त्वज्ञान है।} उस ज्ञान को (तू तत्त्वदर्शी ज्ञानियों के पास जाकर) समझ। उनको भली-भांति दण्डवत् प्रणाम करने से उनकी सेवा करने से और कपट छोड़कर सरलतापूर्वक प्रश्न करने से वे परमात्म तत्व को भली-भांति जानने वाले ज्ञानी महात्मा तुझे उस तत्त्वज्ञान का उपदेश करेंगे। इस विवेचन से यह निष्कर्ष निकलता है कि गीता, चारों वेदों व चारों पुस्तकों का ज्ञान देने वाला एक ही है। वह गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में स्वयं स्वीकारता है कि मैं काल हूँ। सबका नाश करने वाला हूँ। यह ब्रह्म है। इसे क्षर पुरूष भी कहा जाता है। सूक्ष्मवेद में ज्योति निरंजन काल इसका प्रचलित नाम है। यह सब प्राणियों को धोखे में रखता है, परंतु जो सूक्ष्मवेद का ज्ञ

पस हुक्म कबीर अल्लाह ही के लिए है, जो आलीशान है, बड़े रुत्बे वाला है।

Image
 "मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरआन" 7. पस हुक्म कबीर अल्लाह ही के लिए है, जो आलीशान है, बड़े रुत्बे वाला है। फजाईले दरूद शरीफ अल्लाहुम-म सल्लि अलारूहि मुहम्मदिन फ़िल् अर्वाहि अल्लाहुम-म सल्लि अला ज-स-दि मुहम्मदिन फिल् अज्सादि अल्लाहुम म सल्लि अला कबिर् (कबीर) मुहम्मिद फ़िल् कुबूरि0 फजाईले जिक्र 5. हुजूरे अक्दस सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का इर्शाद है कि कोई बन्दा ऐसा नहीं कि ‘लाइला-ह-इल्लल्लाहह‘ कहे और उसके लिए आसमानों के दरवाजें न खुल जायें, यहाँ तक कि यह कलिमा सीधा अर्श तक पहुँचता है, बशर्ते कि कबीरा गुनाहों से बचाता रहे।  फ़-कितनी बड़ी फ़जीलत है और कुबूलियत की इन्तिहा है कि यह कलिमा बराहे रास्त अर्शे मुअल्ला तक पहुँचता है और यह अभी मालूम हो चुका है कि अगर कबीरा गुनाहों के साथ भी कहा जाये, तो नफ़ा से उस वक्त भी खाली नहीं। मुल्ला अली कारी रह0 फरमाते हैं कि कबाइर से बचने की शर्त कुबूल की जल्दी और आसमान के सब दरवाजे खुलने के एताबर से है, वरना सवाब और कूबूल से कबाइर के साथ भी खाली नहीं। बाज उलेमा ने इस हदीस का यह मतलब बयान फरमाया है कि ऐसे शख्स के वास्ते मरने के बाद उस की रूह के

नशा तथा जूआ निषेध‘‘सूरः अल् बकरा-2 आयत नं. 219:- शराब तथा जूए में बड़ी खराबी है, महापाप है।’’ब्याज लेना पाप है‘‘#sant Ram pal ji maharaj

Image
"मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरआन" ’’नशा तथा जूआ निषेध‘‘ सूरः अल् बकरा-2 आयत नं. 219:- शराब तथा जूए में बड़ी खराबी है, महापाप है। ’’ब्याज लेना पाप है‘‘ कुरआन मजीद सूरः अल् बकरा-2 आयत नं. 276:- अल्लाह ब्याज लेने वाले का मठ मार देता है यानि नाश कर देता है और (खैरात) दान करने वाले को बढ़ाता है। और अल्लाह किसी नाशुक्रे बुरे अमल वाले इंसान को पसंद नहीं करता। सूरः अल् बकरा-2 आयत नं. 277:- हाँ, जो लोग इमान लाए हैं और अच्छे कर्म करें और नमाज कायम करें और (जकात) दान दें, उनका बदला बेशक उनके रब के पास है। उनके लिए किसी खौप (भय) और रंज (शोक) का मौका नहीं है। सूरः अल् बकरा-2 आयत नं. 278:- ऐ लोगो जो इमान लाए हो। अल्लाह से डरो और जो कुछ तुम्हारा ब्याज लोगों पर बाकी रह गया है, उसे छोड़ दो। अगर वास्तव में तुम इमान लाए हो। सूरः अल् बकरा-2 आयत नं. 279:- अगर तुमने ऐसा नहीं किया तो सावधान हो जाओ कि अल्लाह और उसके रसूल (संदेशवाहक) की ओर से तुम्हारे खिलाफ युद्ध की घोषणा है यानि सख्त दंड दिया जाएगा। सूरः अल् बकरा-2 आयत नं. 280:- तुम्हारा कर्जदार तंगी में हो तो हाथ खुलने तक उसे मुहलत (छूट) दे

Fakhar Zaman 109 and Babar Azam 74 lift Pakistan to 314 against Netherlands

A 168-run stand between Fakhar Zaman and Babar Azam for the second wicket was the bedrock of an innings that saw Pakistan post 314 for 7. Fakhar scored his seventh ODI hundred, and Babar eased to yet another half-century, but just when it looked as if the pair were gearing up for a huge death-overs onslaught, Netherlands hit back with a flurry of wickets. A late cameo from Shadab Khan put Pakistan back on course somewhat and ensured they crossed the 300 threshold. On what looked a particularly tempting surface to bat on - both Babar and Scott Edwards said they fancied setting a target - Pakistan won the toss and went in first. They began excessively cautiously, scoring just three runs in the first four overs, and slipped to 10 for 1 when an off-colour Imam ul Haq was trapped in front by Vivian Kingma. Pakistan v/s Netherlands Babar's arrival settled some nerves, though he, too found it difficult to start, with Bas de Leede, by some distance the best Dutch bowler on the day, beating

राकेश झुनझुनवाला, जानिए कितना बड़ा है बिग बुल का परिवार, कौन था उनके लिए सबसे जरूरी

Image
राकेश झुनझुनवाला को अपने परिवार से काफी लगाव था. उनकी फैमिली में उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला, बेटी निष्ठा झुनझुनवाला और 2 बेटे आर्यवीर व आर्यमन हैं. इसके अलावा झुनझुनवाला के 1 भाई और 2 बहनें भी हैं राकेश और रेखा झुनझुनवाला की 1 बेटी व 2 बेटे हैं. बेटी निष्ठा को राकेश झुनझुनवाला सबसे ज्यादा मानते थे.#Rakesh राकेश झुनझुनवाला के एक भाई और 2 बहने भी हैं. @@ राकेश झुनझुनवाला ने एक इंटरव्यू में कहा था कि दुनिया में कोई इंसान नहीं जो उनके लिए उनके बच्चों से ज्यादा जरूरी हो और ऐसी कोई महिला नहीं जिसे वह अपनी पत्नी रेखा झुनझुनवाला से ज्यादा प्यार करते हैं. राकेश झुनझुनवाला का जन्म 1960 में एक इनकम टैक्स ऑफिसर राधेश्यामजी झुनझुनवाला के घर हुआ. उनकी मां उर्मिला झुनझुनवाला एक गृहिणी थीं. ###राकेश झुनझुनवाला की 1987 में रेखा (झुनझुनवाला) से शादी हुई. शादी के कई साल बाद तक बच्चे नहीं होने के कारण उन्होंने आईवीएफ का सहारा लिया और 30 जून 2004 को उनकी बेटी निष्ठा झुनझुनवाला का जन्म हुआ. राकेश झुनझुनवाला अपनी बेटी को सबसे ज्यादा मानते थे और कहते थे कि वह उनकी राजकुमारी है. इसके बा

बुद्धिमता में भी बड़े बड़े लोगों को मात देती हैं राकेश झुनझुनवाला की पत्नी

Image
अभी हाल ही में कुछ समय पहले राकेश झुनझुनवाला एक समाचार एजेंसी को अपना इंटरव्यू देते हुए दिखाई दिए थे जिसमें उनकी खराब सेहत को बहुत ही आराम से देखा जा सकता था लेकिन किसी को भी उनके अचानक मृत्यु की बिल्कुल भी आशंका नहीं थी। अभी कुछ समय पहले ही उनको अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था और आज सुबह 5:45 पर उनके मौत की खबर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। आज हम अपने आर्टिकल में राकेश झुनझुनवाला की बात तो करेंगे, लेकिन उनके साथ ही साथ उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला के बारे में भी आपको बताएंगे जो कि भारत की जानी-मानी बिजनेसमैन है। आपकी जानकारी के लिए बता दें एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद बताया था कि वह अपनी पत्नी से निवेश से जुड़ी सलाह लेना बहुत ज्यादा पसंद करते है। हाल ही में साल 2017 में रेखा ने अपने पोर्टफोलि,यो की शुरुआत की थी जिसकी प्रारंभिक रकम ₹1909 थी लेकिन कुछ ही समय बाद उनका पोर्टफोलियो नौ सौ करोड़ का हो गया था और 1 साल बाद उस पोर्टफोलियो की कीमत 2800 करोड़ तक पहुंच गई थी। इसके अलावा शेयर ब्रोकर राकेश झुनझुनवाला ने अपनी पत्नी के साथ Rare इंटरप्राइजेज नाम की एक ट्रेडिंग कंपनी की भी श

‘लुटे-पिटों को सहारा’’ #sant Rampal ji

Image
‘‘लुटे-पिटों को सहारा’’ मैं भक्त बलवान सैनी पुत्र श्री कृष्ण सैनी न्यू माडल टाॅउन, हिसार का रहने वाला हूँ। हम पाँच भाई-बहन हैं। हमारे पूरे परिवार ने 18 वर्ष से सिरसा डेरे से उपदेश ले रखा था। हमारे घर में भूत-प्रेत की बहुत ज्यादा समस्या थी। मेरी बहन को हमें रस्सी से बाँधकर रखना पड़ता था। प्रेत बाधा के कारण वह छत से भी कूद जाती थी। मेरे पिता जी के फेफड़े भी खराब हो चुके थे। जिससे वो बिस्तर पर ही रहने लगे। मेरी माता के घुटनों में बहुत दर्द रहता था। मेरे पिता जी हलवाई का काम करते थे। भूत-प्रेत और पिता जी की बीमारी के कारण हमारा काम बिल्कुल ठप्प हो चुका था। पहले हमारे हाँसी में तीन मकान व एक दुकान थी। घर में नौकर काम करते थे। लेकिन कर्मों की मार से हमें सब बेचना पड़ा। घर में खाने के लाले पड़ गए थे। हम देवी-देवताओं को भी मानते थे। हम 2003 से हर महीने मेंदहीपुर जाते थे। हमारा पूरा परिवार होली-दिवाली भी मेंहदीपुर में ही मनाता था। हम डाॅक्टरों के पास जाकर भी थक चुके थे। हम माता चैकी, सेवड़ों आदि जंत्र-मंत्र करने वालों के पास भी जाते थे। हम नरड़ पीर (राजस्थान) की मंढ़ी पर एक साल रहकर आए थे।