मुसलमानों के पीर शेखतकी ने कबीर साहेब को बांध कर एक गहरे झेरे कुएं में डलवा दिया। उसके बाद उस कुएं को मिट्टी, गोबर, कांटे आदि डाल कर 150 फ़ीट ऊपर तक भरवा दिया। कबीर साहेब को मृत मानकर शेख तकि सिकंदर लोदी के पास ये खुशखबरी सुनाने के लिए गया। वहां परमात्मा कबीर साहेब को सिकंदर लोदी के पास ही आसन पर बैठा पाया।
🏹परमात्मा कबीर साहेब को 52 बार मरवाने की कोशिश की गयी। पर परमात्मा को कोई हानि नहीं पहुंची। क्योंकि परमेश्वर कबीर साहेब अजर अमर अविनाशी हैं।
🏹कबीर परमेश्वर को शेखतकी ने उबलते हुए तेल में बिठाया। लेकिन कबीर साहेब ऐसे बैठे थे जैसे कि तेल गर्म ही ना हो। सिकन्दर बादशाह ने तेल के परीक्षण के लिए अपनी उंगली डाली तो उसकी उंगली जल गई। लेकिन अविनाशी कबीर परमेश्वर जी को कुछ भी नहीं हुआ।
🏹शेखतकी द्वारा सो रहे कबीर साहेब पर हमला।
जालिम शेखतकी ने जब कबीर जी सो रहे थे तब उन पर जानलेवा हमला करवाया लेकिन वह मूर्ख अविनाशी परमात्मा का कुछ नही बिगाड़ पाया।
🏹शेखतकी ने कबीर साहेब को मारने के लिए जंजीर से बंधवाकर गंगा नदी में डाल दिया, लेकिन कुछ देर बाद कबीर साहेब नदी के तट पर जाकर बैठ गए। तब सभी लोगों ने देखा की कबीर साहेब बच गए हैं क्योंकि कबीर साहेब अविनाशी प्रभु हैं।
🏹 शेखतकी ने विचार किया कि चक्र बनाकर कबीर साहेब के सिर को काट दिया जाये। फिर एक दिन शेखतकी का इशारा पाकर चक्र चालक ने वार किया लेकिन उसका ही सिर कट गया। फिर कबीर साहेब ने उसे जिन्दा कर दिया अपनी शक्ति से क्योंकि कबीर परमात्मा समर्थ हैं।
🏹परमात्मा के शरीर में कीलें ठोकने का व्यर्थ प्रयत्न
कबीर साहेब को मारने के लिए एक दिन शेखतकी ने सिपाहियों को आदेश दिया कि कबीर साहेब को पेड़ से बांधकर शरीर पर बड़ी-बड़ी कील ठोक दो। लेकिन जब कील ठोकने चले तो सिपाहियों के हाथ-पैर काम करना बंद हो गए और वो वहाँ से भाग गए और शेखतकी को फिर परमात्मा कबीर साहेब के सामने लज्जित होना पड़ा।
🏹शेखतकी ने अष्टधातु की गदा से कबीर साहेब पर वार करवाया लेकिन कबीर साहेब को कुछ नहीं हुआ। क्योंकि कबीर साहेब अविनाशी प्रभु हैं और उनका शरीर नूरी शरीर है।
🏹कबीर साहेब को जहरीले बिच्छू द्वारा मारने का व्यर्थ प्रयास।
शेखतकी के आदेश पर सिपाही बहुत सारे बिच्छू टोकरी में भरकर सिकंदर लोदी राजा के दरबार में गए। जहाँ कबीर साहेब सत्संग कर रहे थे फिर सिपाहियों ने कबीर साहेब पर बिच्छू छोड़ना शुरू कर दिया। लेकिन सभी बिच्छू कबीर साहेब तक पहुँचने से पहले ही विलीन हो गए।
यह देखकर सभी लोग हैरान हो गए और कबीर साहेब के जयकारे लगाने लगे।
🏹एक बार कबीर साहेब जी सत्संग कर रहे थे, शेखतकी ने कबीर साहेब को सैनिकों से कोड़े मरवाये उसके बाद भी कबीर साहेब के शरीर पर कोई निशान नहीं था। क्योंकि कबीर साहेब जी का शरीर अमर है और कबीर साहेब सर्वशक्तिमान हैं। यह देख वहां बैठे लोग हैरान रह गए और कबीर साहेब की महिमा के नारे लगाने लगे।
🏹कबीर साहेब को मारने के लिए शेखतकी ने पहलवान बुलाये और उनसे मुगदर के द्वारा कबीर साहेब पर प्रहार करवाया। लेकिन पहलवान प्रहार करते करते थक गए। लेकिन कबीर साहेब को कुछ नहीं हुआ। और अंत में वो पहलवान भी डर कर भाग गए।
🏹शेखतकी द्वारा कबीर साहेब जी को पेड़ से बांधना।
एक दिन शेखतकी ने कबीर साहेब को नीम के पेड़ पर लोहे के तार से बांधकर भूखा प्यासा छोड़ दिया और सोचा की कबीर साहेब मर जाएंगे लेकिन कबीर साहेब को कुछ नहीं हुआ और वो वापिस जीवित दरबार में पहुँच गए।
क्योंकि अन्न आहार करता नहीं ताका नाम कबीर।
🏹कबीर साहेब को मारने के लिए एक दिन शेखतकी ने सूखी लकड़ियों को इकट्ठा करवाकर उस पर आसन लगाकर कबीर साहेब को बैठा दिया और नीचे से आग लगा दी लेकिन वो कबीर साहेब का बाल भी बांका नहीं कर सका क्योंकि कबीर साहेब समर्थ परमात्मा हैं।
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