*सतगुरु रामपाल जी महाराज जी* प्रमाणित करके बताते हैं :-
🔸अल्लाहु अक्बर का भाव है भगवान कबीर (कबीर साहेब अर्थात् कविर्देव)। फजाईले दरूद शरीफ़ में भी कबीर नाम की महिमा का प्रत्यक्ष प्रमाण छुपा नहीं है।
🔸पवित्र कुरान शरीफ में प्रमाण है प्रभु सशरीर है तथा उसका नाम कबीर है।
कबीर परमात्मा को अल्लाहु अकबर भी कहते हैं।
🔸पूर्ण परमात्मा अल्लाहु अकबर(अल्लाहु अकबर) ही सर्व पाप नाश (क्षमा) कर सकता है।
🔸हजरत मुहम्मद को कुरान शरीफ बोलने वाला प्रभु (अल्लाह) कह रहा है कि वह कबीर प्रभु वही है जिसने जमीन तथा आसमान के बीच में जो भी विद्यमान है सर्व सृष्टी की रचना छः दिन में की तथा सातवें दिन ऊपर अपने सत्यलोक में सिंहासन पर विराजमान हो(बैठ) गया। क़ुरान सूरह अल-फुरकान नं. 25 आयत 59
🔸क़ुरान सूरह अल-फुरकान 25 आयत 52 से 59 में लिखा है कि कबीर परमात्मा ने छः दिन में सृष्टी की रचना की तथा सातवें दिन तख्त पर जा विराजा। जिस से परमात्मा साकार सिद्ध होता है।
🔸मुसलमान धर्म के पवित्र शास्त्र प्रमाणित करते हैं कि सर्व सृष्टी रचनहार सर्व पाप विनाशक, सर्व शक्तिमान, अविनाशी परमात्मा मानव सदृश शरीर में आकार में है तथा सत्यलोक में रहता है। उसका नाम अल्लाह कबीर है।
🔸हजरत मुहम्मद जी का खुदा कह रहा है कि हे पैगम्बर! काफिरों का कहा मत मानना, क्योंकि वे लोग कबीर को पूर्ण परमात्मा नहीं मानते। आप मेरे द्वारा दिए इस कुरान के ज्ञान के आधार पर अटल रहना कि कबीर ही पूर्ण प्रभु है तथा कबीर अल्लाह के लिए संघर्ष करना। क़ुरान सूरह अल-फुरकान नं. 25 आयत नं. 52
🔸कुरान ज्ञान दाता अल्लाह (प्रभु) किसी और पूर्ण प्रभु की तरफ संकेत कर रहा है कि ऐ पैगम्बर उस कबीर परमात्मा पर विश्वास रख जो तुझे जिंदा महात्मा के रूप में आकर मिला था।
क़ुरान सूरह अल-फुरकान नं. 25 आयत नं. 58
🔸कुरान ज्ञान दाता कह रहा है कि अल्लाह कभी मरने वाला नहीं है तारीफ के साथ उसकी पवित्र महिमा का गुणगान किए जा, वह कबीर अल्लाह(कविर्देव) पूजा के योग्य है तथा अपने उपासकों के सर्व पापों को विनाश करने वाला है।
क़ुरान सूरह अल-फुरकान नं. 25 आयत नं. 58
🔸फजाईले जिक्र में आयत नं. 1, 2, 3, 6 तथा 7 में स्पष्ट प्रमाण है कि ब्रह्म(काल अर्थात् क्षर पुरूष) कह रहा है कि तुम कबीर अल्लाह की बड़ाई बयान करो।
🔸बल्लत कबीर बूल्लाह आला महादाकुप वाला अल्ला कुम तरकोरून (1)
और ताकि तुम कबीर अल्लाह की बड़ाई बयान करों, इस बात पर कि तुम को हिदायत फरमायी और ताकि तुम शुक्र करो अल्लाह तआला का।
🔸फजाइले जिक्र
अल्लीमूल गैब बसाहादाती तील कबीर रूलमुतालू (2)
वह कबीर अल्लाह तमाम पोशीदा और जाहिर चीजों का जानने वाला है(सबसे) बड़ा है और आलीशान रुत्बे वाला है।
🔸फजाइले जिक्र
थाजालीका सहारा लाकुम लीतू कबीरू बुल्लाह आला महादा कुम बसीरी रील मोहसीनीन (3)
इसी तरह अल्लाह जल्ल शानुहू ने तुम्हारे लिए मुसख्खर कर दिया ताकि तुम कबीर अल्लाह की बड़ाई बयान करो।
🔸फजाइले जिक्र
माजा काला रब्बूकूम कालू लूलहक्का वाहोवर अल्लीयू उल्ल कबीर (6)
(जब फरिश्तों को कबीर अल्लाह की तरफ से कोई हुक्म होता है तो वे खौफ के मारे घबरा जाते हैं) यहाँ तक कि जब उनके दिलों से घबराहट दूर हो जाती है, तो एक दूसरे से पूछते हैं कि कबीर परवरदिगार का क्या हुक्म है ? वाकई वह (कबीर) आलीशान और मर्तबे वाला है।
🔸फजाइले जिक्र
कुल हूक्कू मूल्लाही हीलअल्ली लील कबीर (7)
हुक्म कबीर अल्लाह ही के लिए है, जो आलीशान है, बड़े रुत्बे वाला है।
🔸फजाइले जिक्र
‘सुब्हानल्लाहि अल्हम्दु लिल्लाहि अल्लाहु अक्बरू‘(कबिर्)
अल्लाहु अक्बर ही परमेश्वर कबीर साहेब हैं।
🔸फजाइले दरूद शरीफ
मन सल्ला अला रूहि मुहम्मदिन फिल् अर्वाहि व अला-ज-स दिही फिल् अज्सादि व अला कबिर् (कबीर) ही फिल कुबूरि व इन्नहाल कबीर तुन इल्ला अलल् खाशिलीनल्लजीन यजुन्नून अन्नहुम मुलाकू रग्बिहिन व अन्नहुम इलैहि राजिऊन।
इससे सिद्ध है कि प्रभु कबीर नाम से है तथा आकार में है, ऊपर सत्यलोक में अपने तख्त पर रहता है।
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