◆ जिन्द (कबीर) वचन
मार्कण्डे एक पुराण बताई।
वामें एक कथा सुनाई।।
रूची ऋषी वेद को ज्ञानी।
मोक्ष मुक्ति मन में ठानी।।
मोक्ष की लगन ऐसी लगाई।
न कोई आश्रम न बीवाह सगाई।।
दिन एक पितर सामने आए।
उन मिल ये वचन फरमाए।।
बेटा रूची हम महा दुःख पाए।
क्यों नहीं हमरे श्राद्ध कराए।।
रूची कह सुनो प्राण पियारो।
मैं बेद पढ़ा और ज्ञान विचारो।।
बेद में कर्मकाण्ड अविद्या बताई।
श्राद्ध करे पितर बन जाई।।
ताते मैं मोक्ष की ठानी।
वेद ज्ञान सदा प्रमानी।।
पिता, अरू तीनों दादा।
चारों पंडित नहीं बेद विधि अराधा।।
तातें भूत योनि पाया।
अब पुत्र को आ भ्रमाया।।
कहें पितर बात तोरी सत है।
वेदों में कर्मकाण्ड अविद्या कथ है।।
तुम तो मोक्ष मार्ग लागे।
हम महादुःखी फिरें अभागे।।
विवाह कराओ अरू श्राद्ध कराओ। हमरा जीवन सुखी बनाओ।।
रूची कह तुम तो डूबे भवजल माहीं। अब मोहे वामें रहे धकाई।।
चतवारिस (40) वर्ष आयु बड़ेरी।
अब कौन करै सगाई मेरी।।
पितर पतन करवाया आपन।
लगे रूची को थापना थापन।।
विचार करो धर्मनी नागर।
पीतर कहें वेद है सत्य ज्ञान सागर।।
वेद विरूद्ध आप भक्ति कराई।
तातें पितर जूनी पाई।।
रूची विवाह करवाकर श्राद्ध करवाया। करा करवाया सबै नाशाया।।
यह सब काल जाल है भाई।
बिन सतगुरू कोई बच है नाहीं।।
या तो बेद पुराण कहो है झूठे।
या पुनि तुमरे गुरू हैं पूठे।।
शास्त्रा विरूद्ध जो ज्ञान बतावै।
आपन बूडै शिष डूबावै।।
डूब मरै वो ले चुलु भर पाणी।
जिन्ह जाना नहीं सारंगपाणी।।
दोहा :- सारंग कहें धनुष, पाणी है हाथा।
सार शब्द सारंग है और सब झूठी बाता।।
सारंगपाणी काशी आया।
अपना नाम कबीर बताया।।
हम तो उनके चेले आही।
गरू क्या होगा समझो भाई।।
धर्मदास वचन
जिन्दा एक अचरज है मोकूं।
तुर्क धर्म और वेद पुराण ज्ञान है ताकूं।।
तुम इंसान नाहीं होई।
हो अजब फरिश्ता कोई।।
और ज्ञान मोहे बताओ।
युगों युगों की कथा सुनाओ।।
◆ जिन्दा (कबीर) वचन
सुनो धर्मनि सृष्टि रचना।
सत्य कहूँ नहीं यह कल्पना।।
जब हम जगत रचना बताई।
धर्मदास को अचरज अधिकाई।।
◆धर्मदास बचन
यह ज्ञान अजीब सुनायो।
तुम को यह किन बतायो।।
कहाँ से बोलत हो ऐसी बाता।
जानो तुम आप विधाता।।
विधाता तो निराकार बताया।
तुम को कैसे मानु राया।।
तुम जो लोक मोहे बतायो।
सृष्टि की रचना सुनायो।।
आँखों देखूं मन धरै धीरा।
देखूं कहा रहत प्रभु अमर शरीरा।।
(तब हम गुप्त पुनै छिपाई। धर्मदास को मूर्छा आई।।)
क्रमशः_______________
••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। संत रामपाल जी महाराज YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
Comments
Post a Comment